इस दुनिया मे तीरंदाज कोई नही पर हर कोई कुछ न कुछ ज़रुर जानता है इस दुनिया मे तीरंदाज कोई नही पर हर कोई कुछ न कुछ ज़रुर जानता है
हवा जो बहती है हर दिन, पता नहीं क्यों, आज लग रही है थोड़ी भिन्न, है इसमें एक ख़ुशब हवा जो बहती है हर दिन, पता नहीं क्यों, आज लग रही है थोड़ी भिन्न, है इ...
खोल आंख, विजयी हुआ, अचूक रही श्रम की घात। खोल आंख, विजयी हुआ, अचूक रही श्रम की घात।
लोगों को व्यक्ति की सफलता दिखती है, पर उसके पीछे का संघर्ष नहीं। लोगों को व्यक्ति की सफलता दिखती है, पर उसके पीछे का संघर्ष नहीं।
सफलता-असफलता से बेपरहवाह आगे बढ़ते चले जाने की कविता सफलता-असफलता से बेपरहवाह आगे बढ़ते चले जाने की कविता
मिलेगी सुख समृद्धि, जीवन में अपार सफलता और शांति मिलेगी। मिलेगी सुख समृद्धि, जीवन में अपार सफलता और शांति मिलेगी।